भीष्म साहनी : हानूश (भाग 1) | DREAMING WHEELS भीष्म साहनी का जन्म 8 अगस्त 1915 को रावलपिंडी, पाकिस्तान में हुआ था। इन्होंने अंग्रेजी साहित्य में एम.ए. फिर पीएचडी की। पहले शिक्षक, व्यापारी, समाचार पत्रों में लेखन फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के ज़ाकिर हुसैन दिल्ली महाविद्यालय में साहित्य के प्रोफेसर बने। इस बीच सात वर्षों तक ‘ विदेशी भाषा प्रकाशन गृह […]
तस्लीमा नसरीन : लज्जा | DREAMING WHEELS
तस्लीमा नसरीन : लज्जा | DREAMING WHEELS तसलीमा नसरीन विश्वविख्यात बांग्लादेशी लेखिका हैं जो पेशे से एक सरकारी डॉक्टर थी। इनकी जन्मतिथि 25 अगस्त 1962 प्रचलित है, पर वास्तविक जन्मतिथि 5 सितंबर 1960 है जो उनके बचपन की घटनाओं से भी मेल खाती है। इनका जन्म मयमनसिंह, पूर्वी पाकिस्तान ( वर्तमान बांग्लादेश ) में हुआ था। इन की प्रतिभा स्कूल […]
सत्य व्यास : दिल्ली दरबार (भाग 3) | DREAMING WHEELS
सत्य व्यास : दिल्ली दरबार (भाग 3) इस भाग में सत्य व्यास जी ने राहुल और परिधि की नेगेटिव हिस्ट्री को पॉजिटिव केमेस्ट्री में रोचक ढंग से बदलते हुए दिखाया है। पिया ऐसो जिया में समाए गयो रे आज मैं और राहुल उस छोटे से कमरे में शिफ़्ट हो रहे हैं जिसे दिल्ली में छत पर […]
सत्य व्यास : दिल्ली दरबार (भाग 2) | DREAMING WHEELS
सत्य व्यास : दिल्ली दरबार (भाग 2) सत्य व्यास युवाओं के चहेते हैं। उन्होंने अपने उपन्यास में भी दो ऐसे युवकों का चुनाव किया है जिनका जिंदगी को देखने का नज़रिया एक-दूसरे बहुत अलग है पर हैं पक्के दोस्त। ऐसे कई उदाहरण आपको अपने आस-पास भी मिल जाएंगे और यही इस उपन्यास की खासियत है। साहिल की तरफ़ कश्ती ले […]
सत्य व्यास : दिल्ली दरबार (भाग 1) | DREAMING WHEELS
सत्य व्यास : दिल्ली दरबार (भाग 1) सत्य व्यास आज के जमाने के जाने-माने लेखक हैं जिनके सिर्फ पाँच उपन्यास ही आए हैं पर सभी ने युवाओं के दिलों पर राज किया है। उनकी सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी पुस्तकों का दूसरी भाषाओं में भी अनुवाद हुआ है। उनका पहला उपन्यास ‘ […]
मन्नू भंडारी : मैं हार गई (भाग 4) | DREAMING WHEELS
मन्नू भंडारी : मैं हार गई (भाग 4) इस संग्रह की अधिकतर कहानियां मन में एक-एक सवाल छोड़ती जाती हैं पर यह कुछ अलग है जो होठों पर मुस्कुराहट लाने में कामयाब हो जाती है। इसमें गम्भीरता के साथ हास्य का पुट है। वो कहते हैं ना ‘ शार्ट एंड स्वीट ‘ तो अब पेश है….. […]
मन्नू भंडारी : मैं हार गई (भाग 3) | DREAMING WHEELS
मन्नू भंडारी : मैं हार गई (भाग 3) मन्नूजी की यह कहानी एक ऐसी लड़की के मन को गहराई में जाकर टटोलने की कोशिश है जो हर बार अपने लिए खड़े तो होना चाहती है पर दूसरों के बनाए गए नियमों में बंधकर निराश होकर बैठ जाती है। 3: एक कमज़ोर लड़की की कहानी रूप तीन साल पहले बड़ी चंचल […]
मन्नू भंडारी : मैं हार गई (भाग 2) | DREAMING WHEELS
मन्नू भंडारी : मैं हार गई (भाग 2) मन्नू भंडारी ने अपनी कहानियों में स्त्रियों के जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करते हुए स्वतन्त्र अस्तित्व को पाने की छटपटाहट, उनके लिए निर्धारित आदर्शों से न निकल पाने की विडंबना है। स्त्री मन के अंतर्द्वंद्व को पन्नों में उतारना मन्नूजी की विशेषता है। […]
मन्नू भंडारी : मैं हार गई (भाग 1) | Dreaming Wheels
मन्नू भंडारी : मैं हार गई (भाग 1) मन्नू भंडारी हिंदी साहित्य का एक जाना-माना नाम है। उन्होंने अनेक कहानियां, उपन्यास, पटकथाएं और नाटकों की रचना की है। उनके पिता सुखसम्पतराय भी लेखक थे सो लेखन उन्हें विरासत में मिला। यों तो वे बहुत कम उम्र से ही कहानियां लिखने लगी थीं पर प्रसिद्धि धर्मयुग पत्रिका में प्रकाशित होने वाले […]
चेखव:संवेदनाओं का चर्चित चितेरा (भाग 3) | Dreaming Wheels
चेखव:संवेदनाओं का चर्चित चितेरा (भाग 3) चेखव की जिन दो कहानियों का ज़िक्र अब मैं करने जा रही हूँ ये दोनों प्रेम के दो अलग-अलग अनुभव हैं। जहां पहली कहानी में प्रेम से कहे गए दो शब्दों से पूरी जिंदगी महकती रहती है वहीं दूसरी कहानी में आकर्षण रूपी प्रेम बंधन के खयाल से ही रफ़ूचक्कर हो जाता है। 4: […]