भगवतीचरण वर्मा: चित्रलेखा ( सारांश-भाग 7)

भगवतीचरण वर्मा चित्रलेखा सारांश भाग 2

भगवतीचरण वर्मा: चित्रलेखा ( सारांश-भाग 7) भगवती जी ने इस उपन्यास के माध्यम से बताया है कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रेम के अर्थ अलग-अलग हो सकते हैं। प्रेम कभी उसे बहुत ऊपर उठा देता है तो कभी नीचे गिरने पर भी मजबूर कर देता है क्योंकि प्रेम के आगे किसी का बस नहीं चलता। सोलहवाँ परिच्छेद चित्रलेखा इतनी आकर्षक […]

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अपनी पहचान | Dreaming Wheels

अपनी पहचान | Dreaming Wheels ‘शांति’ और ‘सफलता’ ये ऐसे दो शब्द है जिनके लिए मैंने काम तो किया पर शायद मेहनत नहीं की। काम सुबह उठने से लेकर रात को 11 बजे तक, घर और एक शिक्षिका की प्राइवेट नौकरी के लिए। एक ऐसी नौकरी जो मैं कभी करना ही नहीं चाहती थी। मुझे याद है जब हम स्कूल […]

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