रस्किन बॉण्ड की बेहतरीन कहानियाँ ( भाग 1 )| DREAMING WHEELS

रस्किन बॉण्ड की बेहतरीन कहानियाँ ( भाग 1 )| DREAMING WHEELS

रस्किन बॉण्ड की बेहतरीन कहानियाँ ( भाग 1 )| DREAMING WHEELS रस्किन बॉण्ड का जन्म 19 मई 1934 को कसौली, हिमाचल प्रदेश में हुआ था। नाम से अंग्रेज लगने वाले ये लेखक दिल से भारतीय हैं। इनके लेखन में इनकी परवरिश का प्रभाव साफ झलकता है। कभी ये जामनगर, कभी देहरादून, कभी नई दिल्ली  तो कभी शिमला में रहे। युवा […]

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अक्षत गुप्ता : द हिडन हिंदू (हिंदी अनुवाद)(भाग 4)| DREAMING WHEELS

अक्षत गुप्ता द हिडन हिंदू (हिंदी अनुवाद) (भाग 4)

अक्षत गुप्ता : द हिडन हिंदू (हिंदी अनुवाद)(भाग 4)| DREAMING WHEELS प्रथम प्रकोप वीरभद्र श्रीलंका पहुंच गया है और वांछित जगह पंहुचने के लिए उसके साथ गाइड है। वीरभद्र डॉ. श्रीनिवासन को फोन पर बताता है कि वे उस जगह से एक मील दूर हैं और गाड़ी आगे नहीं जाएगी। तब डॉ. श्रीनिवासन उसका हौसला बढ़ाते हुए वहाँ जो भी […]

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अक्षत गुप्ता : द हिडन हिंदू (हिंदी अनुवाद)(भाग 3)| DREAMING WHEELS

अक्षत गुप्ता द हिडन हिंदू (हिंदी अनुवाद) (भाग 3)

अक्षत गुप्ता : द हिडन हिंदू (हिंदी अनुवाद)(भाग 3)| DREAMING WHEELS इस भाग में अक्षत गुप्ता जी हमारा परिचय सात चिरन्जीवियों से कराते हैं और उनमें से दो चिरन्जीवियों से मिलवा भी देते हैं। वे हैं- परशुराम और अश्वत्थामा। पुरातन वर्तमान में अगला सेशन शुरू हो गया है। शाहिस्ता ओम से सुषेण के अलावा निभाई अन्य भूमिकाओं के बारे में […]

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अक्षत गुप्ता : द हिडन हिंदू (हिंदी अनुवाद)(भाग 2)|DREAMING WHEELS

अक्षत गुप्ता द हिडन हिंदू (हिंदी अनुवाद) (भाग 2)

अक्षत गुप्ता : द हिडन हिंदू (हिंदी अनुवाद)(भाग 2)|DREAMING WHEELS इस भाग में हिन्दू पुराणों के अनुसार युगों का काल विभाजन , प्रत्येक युग की अलग विशेषता के साथ ही चाणक्य, बन्दा बहादुर सिंह, परशुराम और अश्वत्थामा का वर्णन पठनीय है।   दिव्य युग अगला सेशन शुरू करने से पहले सभी दूसरे कमरे में अब तक मिली जानकारी से कुछ […]

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अक्षत गुप्ता : द हिडन हिंदू (हिंदी अनुवाद)(भाग 1) | DREAMING WHEELS

अक्षत गुप्ता द हिडन हिंदू (हिंदी अनुवाद) (भाग 1)

अक्षत गुप्ता : द हिडन हिंदू (हिंदी अनुवाद)(भाग 1) अक्षत गुप्ता ‘द हिडन हिन्दू’ के लेखक जिन्होंने इस एक उपन्यास के माध्यम से अपना नाम हिंदी साहित्य से जोड़ लिया। ‘द हिडन हिंदू’ तीन पुस्तकों की श्रृंखला की पहली पुस्तक है जिस पर अक्षत जी कई वर्षों से काम कर रहे थे। उनका जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ था और पालन-पोषण […]

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भीष्म साहनी : हानूश (भाग 5) DREAMING WHEELS

भीष्म साहनी हानूश (भाग 5) DREAMING WHEELS (2)

भीष्म साहनी : हानूश (भाग 5) DREAMING WHEELS दो साल पूरे हो चुके हैं। लोगों को हानूश की घड़ी और उसके अंधेपन की आदत पड़ चुकी है। हानूश का दिमाग अवसाद और मन कटुता से भर चुका है। वह रहता तो अपने पुराने घर में ही है पर अब वह बहुत आरामदेह और सुसज्जित है। कात्या घर के काम में […]

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भीष्म साहनी : हानूश (भाग 4) | DREAMING WHEELS

भीष्म साहनी हानूश (भाग 4) DREAMING WHEELS

भीष्म साहनी : हानूश (भाग 4) | DREAMING WHEELS बादशाह आ गए हैं। साथ में मंत्री, लाट पादरी और अंगरक्षक हैं। आते ही वह पूछते हैं कि यह घड़ी किसने बनाई है? , हानूश आगे बढ़कर आदाब बजा लाता है और ‘हुजूर’ कहता है। हुसाक बताता है कि यह हानूश नाम का कुल्फ़साज है। बादशाह उससे कहते हैं कि तुम्हारी […]

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भीष्म साहनी : हानूश (भाग 3) | DREAMING WHEELS

भीष्म साहनी हानूश ( भाग 3 ) DREAMING WHEELS

भीष्म साहनी : हानूश (भाग 3) | DREAMING WHEELS यान्का खिड़की से बाहर देख रही है। जेकब दबे पाँव चलता हुआ उसके पास आता है और उसकी आँखें बंद कर देता है। यान्का समझ जाती है और कहती है कि कौन होगा ? जेकब ही तो है। गली से लोग देख रहे हैं। माँ देख लेंगी तो डाटेंगी। जेकब कहता […]

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भीष्म साहनी : हानूश ( भाग 2 ) | DREAMING WHEELS

भीष्म साहनी : हानूश (भाग 2) | DREAMING WHEELS

भीष्म साहनी : हानूश ( भाग 2 ) | DREAMING WHEELS हानूश घड़ी बनाने में लगा हुआ है। बूढ़ा लोहार भी उसके साथ है जो नई-नई कमानियां बनाकर उसे देता है। वे दोनों घड़ी के लगातार चलने व  पेंडुलम के हर घण्टे बजने के लिए कमानियों में बदलाव पर चर्चा कर रहे हैं। कुछ समय घड़ी पर काम करने पर […]

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भीष्म साहनी : हानूश (भाग 1) | DREAMING WHEELS

भीष्म साहनी हानूश (भाग 1) DREAMING WHEELS

भीष्म साहनी : हानूश (भाग 1) | DREAMING WHEELS भीष्म साहनी का जन्म 8 अगस्त 1915 को रावलपिंडी, पाकिस्तान में हुआ था। इन्होंने अंग्रेजी साहित्य में एम.ए. फिर पीएचडी की। पहले शिक्षक, व्यापारी, समाचार पत्रों में लेखन फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के ज़ाकिर हुसैन दिल्ली महाविद्यालय में साहित्य के प्रोफेसर बने। इस बीच सात वर्षों तक ‘ विदेशी भाषा प्रकाशन गृह […]

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