अक्षत गुप्ता : द हिडन हिंदू (हिंदी अनुवाद)(भाग 2)|DREAMING WHEELS

अक्षत गुप्ता द हिडन हिंदू (हिंदी अनुवाद) (भाग 2)

अक्षत गुप्ता : द हिडन हिंदू (हिंदी अनुवाद)(भाग 2)|DREAMING WHEELS इस भाग में हिन्दू पुराणों के अनुसार युगों का काल विभाजन , प्रत्येक युग की अलग विशेषता के साथ ही चाणक्य, बन्दा बहादुर सिंह, परशुराम और अश्वत्थामा का वर्णन पठनीय है।   दिव्य युग अगला सेशन शुरू करने से पहले सभी दूसरे कमरे में अब तक मिली जानकारी से कुछ […]

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अक्षत गुप्ता : द हिडन हिंदू (हिंदी अनुवाद)(भाग 1) | DREAMING WHEELS

अक्षत गुप्ता द हिडन हिंदू (हिंदी अनुवाद) (भाग 1)

अक्षत गुप्ता : द हिडन हिंदू (हिंदी अनुवाद)(भाग 1) अक्षत गुप्ता ‘द हिडन हिन्दू’ के लेखक जिन्होंने इस एक उपन्यास के माध्यम से अपना नाम हिंदी साहित्य से जोड़ लिया। ‘द हिडन हिंदू’ तीन पुस्तकों की श्रृंखला की पहली पुस्तक है जिस पर अक्षत जी कई वर्षों से काम कर रहे थे। उनका जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ था और पालन-पोषण […]

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भीष्म साहनी : हानूश (भाग 5) | हानूश नाटक

भीष्म साहनी हानूश (भाग 5) DREAMING WHEELS (2)

भीष्म साहनी : हानूश (भाग 5) DREAMING WHEELS दो साल पूरे हो चुके हैं। लोगों को हानूश की घड़ी और उसके अंधेपन की आदत पड़ चुकी है। हानूश का दिमाग अवसाद और मन कटुता से भर चुका है। वह रहता तो अपने पुराने घर में ही है पर अब वह बहुत आरामदेह और सुसज्जित है। कात्या घर के काम में […]

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भीष्म साहनी : हानूश (भाग 4) | हानूश नाटक

भीष्म साहनी हानूश (भाग 4) DREAMING WHEELS

भीष्म साहनी : हानूश (भाग 4) | DREAMING WHEELS बादशाह आ गए हैं। साथ में मंत्री, लाट पादरी और अंगरक्षक हैं। आते ही वह पूछते हैं कि यह घड़ी किसने बनाई है? , हानूश आगे बढ़कर आदाब बजा लाता है और ‘हुजूर’ कहता है। हुसाक बताता है कि यह हानूश नाम का कुल्फ़साज है। बादशाह उससे कहते हैं कि तुम्हारी […]

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भीष्म साहनी : हानूश (भाग 3) | हानूश नाटक

भीष्म साहनी हानूश ( भाग 3 ) DREAMING WHEELS

भीष्म साहनी : हानूश (भाग 3) | DREAMING WHEELS यान्का खिड़की से बाहर देख रही है। जेकब दबे पाँव चलता हुआ उसके पास आता है और उसकी आँखें बंद कर देता है। यान्का समझ जाती है और कहती है कि कौन होगा ? जेकब ही तो है। गली से लोग देख रहे हैं। माँ देख लेंगी तो डाटेंगी। जेकब कहता […]

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भीष्म साहनी : हानूश ( भाग 2 ) | हानूश नाटक

भीष्म साहनी : हानूश (भाग 2) | DREAMING WHEELS

भीष्म साहनी : हानूश ( भाग 2 ) | DREAMING WHEELS हानूश घड़ी बनाने में लगा हुआ है। बूढ़ा लोहार भी उसके साथ है जो नई-नई कमानियां बनाकर उसे देता है। वे दोनों घड़ी के लगातार चलने व  पेंडुलम के हर घण्टे बजने के लिए कमानियों में बदलाव पर चर्चा कर रहे हैं। कुछ समय घड़ी पर काम करने पर […]

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भीष्म साहनी : हानूश (भाग 1) | हानूश नाटक

भीष्म साहनी हानूश (भाग 1) DREAMING WHEELS

भीष्म साहनी : हानूश (भाग 1) | DREAMING WHEELS भीष्म साहनी का जन्म 8 अगस्त 1915 को रावलपिंडी, पाकिस्तान में हुआ था। इन्होंने अंग्रेजी साहित्य में एम.ए. फिर पीएचडी की। पहले शिक्षक, व्यापारी, समाचार पत्रों में लेखन फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के ज़ाकिर हुसैन दिल्ली महाविद्यालय में साहित्य के प्रोफेसर बने। इस बीच सात वर्षों तक ‘ विदेशी भाषा प्रकाशन गृह […]

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तस्लीमा नसरीन : लज्जा | लज्जा (उपन्यास)

तस्लीमा नसरीन : लज्जा | DREAMING WHEELS

तस्लीमा नसरीन : लज्जा | DREAMING WHEELS तसलीमा नसरीन विश्वविख्यात बांग्लादेशी लेखिका हैं जो पेशे से एक सरकारी डॉक्टर थी। इनकी जन्मतिथि 25 अगस्त 1962 प्रचलित है, पर वास्तविक जन्मतिथि 5 सितंबर 1960 है जो उनके बचपन की घटनाओं से भी मेल खाती है। इनका जन्म मयमनसिंह, पूर्वी पाकिस्तान ( वर्तमान बांग्लादेश ) में हुआ था। इन की प्रतिभा स्कूल […]

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सत्य व्यास : दिल्ली दरबार  (भाग 3) | दिल्ली दरबार (उपन्यास)

सत्य व्यास : दिल्ली दरबार  (भाग 3)

सत्य व्यास : दिल्ली दरबार  (भाग 3) इस भाग में सत्य व्यास जी ने राहुल और परिधि की नेगेटिव हिस्ट्री को पॉजिटिव केमेस्ट्री में रोचक ढंग से बदलते हुए दिखाया है।         पिया ऐसो जिया में समाए गयो रे आज मैं और राहुल उस छोटे से कमरे में शिफ़्ट हो रहे हैं जिसे दिल्ली में छत पर […]

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सत्य व्यास : दिल्ली दरबार (भाग 2) | दिल्ली दरबार (उपन्यास)

भेद जिया के खोले ना

सत्य व्यास : दिल्ली दरबार (भाग 2) सत्य व्यास युवाओं के चहेते हैं। उन्होंने अपने उपन्यास में भी दो ऐसे युवकों का चुनाव किया है जिनका जिंदगी को देखने का नज़रिया एक-दूसरे बहुत अलग है पर हैं पक्के दोस्त। ऐसे कई उदाहरण आपको अपने आस-पास भी मिल जाएंगे और यही इस उपन्यास की खासियत है। साहिल की तरफ़ कश्ती ले […]

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